Gopal Gupta

Add To collaction

जब मै बनने बुद्ध चला

क्यो आती प्राणी को मृत्यु

क्यो होता है जीर्ण शरीर
अपनी ये जिज्ञासा ले कर
सव से शिव की ओर चला
जीवन का है मर्म खोजने
मै बन कर के बुद्ध चला

काल मौन था प्रतीक्षा में
ख़ुद से ख़ुद का युद्ध चला
जीवन का है मर्म खोजने 
 मै बन कर जब मे बुद्ध चला

 कुछ पग के छालो ने रोका
कुछ था रिश्ते नातो ने रोका 
रोका मुझ को मेरे पथ में
चंचल मेरी अभिलाषा ने
जीवन के इस अनल तत्व से
होने को मै शुद्ध चला
 मै बन कर जब मे बुद्ध चला


Gopal Gupta "Gopal "

   14
7 Comments

बेहतरीन अभिव्यक्ति

Reply

madhura

07-Jun-2023 12:33 PM

nice

Reply

Abhilasha Deshpande

25-May-2023 03:42 PM

beautiful

Reply