जब मै बनने बुद्ध चला
क्यो आती प्राणी को मृत्यु
क्यो होता है जीर्ण शरीर
अपनी ये जिज्ञासा ले कर
सव से शिव की ओर चला
जीवन का है मर्म खोजने
मै बन कर के बुद्ध चला
काल मौन था प्रतीक्षा में
ख़ुद से ख़ुद का युद्ध चला
जीवन का है मर्म खोजने
मै बन कर जब मे बुद्ध चला
कुछ पग के छालो ने रोका
कुछ था रिश्ते नातो ने रोका
रोका मुझ को मेरे पथ में
चंचल मेरी अभिलाषा ने
जीवन के इस अनल तत्व से
होने को मै शुद्ध चला
मै बन कर जब मे बुद्ध चला
Gopal Gupta "Gopal "
Shashank मणि Yadava 'सनम'
12-Jun-2023 09:28 PM
बेहतरीन अभिव्यक्ति
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madhura
07-Jun-2023 12:33 PM
nice
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Abhilasha Deshpande
25-May-2023 03:42 PM
beautiful
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